गुजरात के सुरेन्द्रनगर जिले में संभवत: पहली बार शेर देखे जाने और वन विभाग की ओर से इनमें एक शेरनी और एक अल्पव्यवस्क यानी सब एडल्ट शेर होने की पुष्टि के एक दिन बाद वन विभाग के कैमरे में एक भैंस के बच्चे का शिकार कर रहे दो नर शेरों की तस्वीर आने से यह मामला थोड़ा उलझ गया है।
जूनागढ़ के मुख्य वन संरक्षक यानी सीसीएफ एस के श्रीवास्तव ने कहा कि सुरेन्द्रनगर के चोटिला तालुका के ढेढुकी गांव जहां कल शेरों को देखा गया था उसके पास के ही एक अन्य गांव रामपुरा चोबारी में लगाये गये नाइटविजन कैमरा में आज तड़के दो नर शेरों के एक भैस के बच्चे को शिकार बनाने की तस्वीर मिली है। अब यह देखा जा रहा है कि असल में जो दो शेर कल वन विभाग के कर्मियों ने कुछ दूरी से देखे थे और उन्हें शेरनी और अल्पव्यवस्क शेर बताया था वे क्या दो नर शेर थे या ये अलग शेर हैं जो उसी झुंड का हिस्सा हैं।
ज्ञातव्य है कि एक शेरनी और लगभग दो से ढाई साल के सब एडल्ट यानी यानी युवावस्था से ठीक पहले की अवस्था वाले एक शेर को लोगों ने चोटिला के समीपवर्ती ढेढुकी गांव के पास कल देखा था और इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। वन विभाग ने भी कल इस इलाके में शेरनी और शेर होने की पुष्टि की। पहले इनके पंजे के निशान देखे गये और इसके बाद इन्हें प्रत्यक्ष तौर पर भी देखा गया।
जूनागढ़ के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) शैलेश श्रीवास्तव ने बताया था कि ये शेर संभवत: गिर वन के बाबरा रेंज से अपने झुंड से भटक कर इस इलाके में पहुंच गये हैं। पिछले तीन चार दिनों से इस इलाके में पशुओं के शिकार की घटनाओं को देखते हुए यह साफ हो गया है कि ये कम से कम तीन चार दिनों से इधर हैं। शेर एक ऐसा जानवर है जो मानव बस्ती के निकट रह कर भी आमतौर पर लोगों पर हमला नहीं करता। हमने लोगों से अधिक भयभीत नहीं होने पर एहतियात बरतने की अपील की है। जानवरों पर नजर रखी जा रही है। यह पिछले सात से आठ दशक के दौरान इस इलाके में शेरों के प्रवेश की पहली घटना है। ज्ञातव्य है कि दुनिया मेें एशियाई शेरों का एकमात्र बसेरा गुजरात का गिर वन जिसमें 500 से अधिक शेर रहते हैं, सुरेन्द्रनगर के चोटिला से 70 से 80 किमी दूर है।